मध्य प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के चौथे दिन महिला आईएएस अफसर गौरी सिंह द्वारा वीआरएस लिए जाने को लेकर विपक्ष ने शून्यकाल में हंगामा किया। विधायकों ने गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी की, विपक्ष के जमकर हंगामे के दौरान विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके पहले पूर्व मंत्री शिवराज सिंह चौहान नरोत्तम मिश्रा गोपाल भार्गव ने आईएएस अफसरों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब आईएएस अफसर के ऐसे हालात हैं तो बाकी कर्मचारियों का क्या रहो रहा होगा। विपक्ष ने सरकार पर पूरक पोषण माफिया के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। सत्ता पक्ष की ओर से सज्जन सिंह वर्मा, तरुण भनोत ने इसका जवाब दिया। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा असली वजह यह नहीं है, यह कदम उनके द्वारा पंचायत राज्य संस्थाओं के आरक्षण संबंधी आदेश को बिना किसी उच्च स्तरीय अनुमोदन के जारी किए जाने के चलते तबादला किया गया था। तरुण भनोट ने कहा कि वल्लभ भवन में दलाल बैठते हैं ऐसा कहना सरासर गलत है। वहां पर नेता, कार्यकर्ता, आम जनता सभी आते हैं। वहीं कमलेश्वर पटेल ने भी कहा कि पंचायतों का आरक्षण देना अनुमोदन के घोषित कर दिया था, यह संवैधानिक नहीं है नियम विरुद्ध है, इस मुद्दे को लेकर शून्यकाल में जबरदस्त हंगामा हुआ।मप्र कैडर की 1987 बैच की सीनियर आईएएस व प्रशासन अकादमी की महानिदेशक गाैरी सिंह नौकरी छोड़ेंगी। उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन किया है, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया। साथ ही उसे केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को भेज दिया है। वे 31 दिसंबर के बाद अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (इरीना) से जुड़ने जा रही हैं।
गौरी सिंह का चयन संस्था के उप महानिदेशक पद के लिए हुआ है। पिछले दिनों ही उनका तबादला पंचायत एवं ग्रामीण विकास से प्रशासन अकादमी में महानिदेशक के पद पर किया गया था। यह माना जा रहा था कि वे इससे खफा हैं। सिंह मप्र आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं।अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की चर्चा भी काफी समय से चल रही थी। उम्मीद जताई जा रही थी कि केंद्र सरकार में सचिव के वे सूचीबद्ध हो जाएंगी,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।इसी महीने उन्हें पोषण आहार व्यवस्था में बदलाव से जुड़ी फाइल पर अनुकूल रुख न दिखाने और सरकार से बिना चर्चा के पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू करने के कारण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से हटा दिया गया था। पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव के मद्देनजर आरक्षण की प्रक्रिया का उन्होंने कार्यक्रम जारी कर दिया।सूत्रों का कहना है कि उन्होंने इसके लिए न तो मुख्यमंत्री कार्यालय को भरोसे में लिया और न ही विभागीय मंत्री को। दोनों को नजरअंदाज करते हुए कार्यक्रम जारी कर दिया। इसकी शिकायत विभागीय मंत्री कमलेश्वर पटेल ने मुख्यमंत्री से की तो उन्होंने भी इसे गलत माना और आनन-फानन में आरक्षण को आदेश निरस्त कराकर उनका तबादला प्रशासन अकादमी में महानिदेशक के पद पर कर लिया।
प्रशासनिक गलियारों में इसे लूप लाइन पोस्टिंग माना जाता है इसलिए यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे नाराज हैं। हालांकि, वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें जो मौका मिला है वो बहुत बड़ा है इसलिए उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन किया है।
मुझे अच्छा ऑफर मिला है, इसलिए जाऊंगी
गाैरी सिंह ने वीआरएस आवेदन में कहा है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक एजेंसी के साथ काम करने जा रही हैं। उन्हें अच्छा ऑफर मिला है, इसलिए वे जाना चाहती हैं। राज्य सरकार इस पर अपनी सहमति दे।
नाखुश थीं, सीएम तक पहुंचाई थी बात
उनके करीब रहे आईएएस अधिकारियों का कहना है कि तबादले से वे नाखुश थीं। सीएम तक भी उन्होंने अपनी बात पहुंचा दी थी। इसके बाद भी जब ट्रांसफर आदेश में परिवर्तन की कोई गुंजाइश नजर नहीं आई तो उन्हें छह दिन पहले वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया।
चार साल की सेवा बाकी है
गाैरी सिंह की अभी तीन साल ग्यारह महीने की सेवा बाकी है। वे 11 नवंबर 2023 को सेवानिवृत्त होने वाली हैं।
गौरी सिंह ने वीआरएस का आवेदन किया है, जिसे मंजूरी दे दी गई है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय एजेंसी में अच्छा ऑफर है, इसलिए वे जा रही हैं।'
एसआर मोहंती, मुख्य सचिव, मप्र